दोस्त बनाने निकले
दोस्त, दोस्त शब्द से सब परिचित है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो कि निस्वार्थ भाव से निभाया जाता है। कवि या शायर अपने भावों… Read More »दोस्त बनाने निकले
प्रिय पाठकों हमारी इस बेवसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत है। यहाँ Motiational भावनाओं से जुड़ी हुई स्वरचित कविताएँ है।
दोस्त, दोस्त शब्द से सब परिचित है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो कि निस्वार्थ भाव से निभाया जाता है। कवि या शायर अपने भावों… Read More »दोस्त बनाने निकले
दोस्त व दोस्तों की दोस्ती की बात ही अलग है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता जिससे हम अपनी हर बात शेयर कर सकते है। हम अपना… Read More »दोस्ती की यादें
आज की कविता माँ की याद दिलाती हुई माँ को समार्पित है । माँ की रचना भगवान ने बच्चे की ढाल के रूप में की… Read More »माँ सिर्फ तुम
एकान्त इस एकान्त में कितना है अपनापन यह एकान्त फिर भी मुझे प्रिय है क्योंकि यह सब कुछ तुम्हारा दिया हुआ है यह न जुड़कर… Read More »एकान्त
प्रेम प्रेम , प्रेम , प्रेम ढाई अक्षर प्रेम का क्या कोई समझ सका है यह तो नासमझ हैकोई क्या करेगा मोलयह तो है बड़ा… Read More »प्रेम
मेरी गिनती होती कुछ तुच्छ चीजों में निलामी होती मेरी बन्द पर्दों मेंहर कोई अपना हक इस कदर जमाताजैसे खुद की नहीं , सारी उनकी… Read More »नुमाईश
जीत की तलाश कर जिन्दगी न हार तू रगों में अपनी गरमी ला अब कर पहला वार तूवक्त की मिसाल बनहौसले ना हार तूजिन्दगी भी… Read More »एक तलाश
एक अनसुनी पुकार क्यों घूरते हो तुम उसको इस तरह सहम जाती है तुम्हें देखकर वो भर आती है उनकी आँखें तुम्हारी जाहिल नजरें देखकर… Read More »एक अनसुनी पुकार
दिन में सूरज देता उजाला उस का हम पर उपकार निराला रात में चाँद की है चाँदनी कभी उसने क्या इसकी कीमत माँगी मेघ बरस… Read More »बलिदान
सर्दियों का समय था मैं और पम्मी चुस्कियों के साथ चाय पी रहे थे। ( पम्मी मेरी कामवाली बाई ) बात उस समय की है… Read More »कहानी पम्मी की