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हिंदी साहित्य का काल विभाजन

प्रिय पाठको मैं डॉo मानवती निगम अपनी बेवसाइट superrealstory.com पर आपके लिए हिंदी साहित्य से सम्बंधित नोट्स लिखती हूँ। मैं रोज़ हिंदी साहित्य से सम्बन्धित नई – नई जानकारी आप तक पहुँचाने की कोशिश करती हूँ। आज मैं आपको ‘ हिन्दी साहित्य का वृहद् इतिहास’ और हिंदी साहित्य के काल विभाजन के विषय में गहराई से बताऊंगी ।

 

हिंदी साहित्य का काल विभाजन

हिंदी साहित्य का काल विभाजन

हिंदी साहित्य का वृहद् इतिहास

नागरी प्रचारिणी सभा , काशी

 

     1953 ई० में नागरी प्रचारिणी सभा , काशी ने हिंदी साहित्य के संपूर्ण इतिहास को 18 खंडो में प्रकाशित करने की योजना बनाई तथा इस इतिहा ग्रंथ के अब तक 16 खंड प्रकाशि हो चुके है जिनके नाम एवं संपादक निम्नानुसार है : –

 

 

क्र . सं.इतिहास ग्रंथसंपादकसन्
भाग- 1हिंदी साहित्य की पीठिकाडॉ. राजबली पांडेय1957 ई
भाग – 2हिंदी भाषा का विकासडा. धीरेंद्र वर्मा , . बाबूराम सक्सेना1965 ई.
भाग – 3हिंदी साहित्य का उदय और विकास
( आदिकाल )
पंडित करुणापति त्रिपाठी , भोलाशंकर व्यास ,
डॉ. वासुदेव सिंह
1983 ई.
भाग – 4भक्तिकाल ( निर्गुण भक्ति )आचार्य परशुराम चतुर्वेदी1968 ई.
भाग – 5भक्तिकाल (सगुण भक्ति )दीनदयाल गुप्त , विजयेंद्र स्नातक , देवेद्रनाथ शर्मा1974 ई.
भाग – 6रीतिकाल ( रीतिबद्ध )डॉ० नगेन्द्र1958 ई.
भाग – 7रीतिकाल ( रीतिमुक्त )डॉ० भागीरथ मिश्र1972 ई.
भाग – 8हिंदी साहित्य का अभ्युत्थान ( भारतेंदु काल )डॉ० विनयमोहन शर्मा1972 ई.
भाग – 9हिंदी साहित्य का परिष्कार ( द्विवेदी काल )सुधाकर पांडेय1977 ई.
भाग – 10हिंदी साहित्य का उत्कर्ष ( छायावाद , काव्य )डॉ० नगेन्द्र , शिवप्रसाद मिश्र ‘ रुद्र’ , रामेश्वर शुक्ल
‘अंचल’
1971 ई.
भाग – 11हिंदी साहित्य का उत्कर्ष ( छायावाद , नाटक )डॉ० सावित्री सिन्हा , डाॅ० दशरथ ओझा , लक्ष्मीनाराय
लाल
1972 ई.
भाग – 12हिंदी साहित्य का उत्कर्ष ( कथा साहित्य )डॉ ० निर्मला जैन , अमृतलाल नागर , कल्याणमल लोढ़ा19 न84 ई.
भाग – 13हिंदी साहित्य का समालोचन (निबंध एवं
पत्रकारिता )
लक्ष्मीनारायण ‘ सुधांशु’1965 ई.
भाग – 14हिंदी साहित्य का अधतन कालहरवंशलाल शर्मा , कैलाशचंद्र भाटिया1970 ई.
भाग – 15आंतर भारती साहित्यडॉ० नगेन्द्र1979 ई.
भाग – 16हिंदी का लोक साहित्यराहुल सांकृत्यायन , कृष्णदेव उपाध्याय1960 ई.

विभिन्न साहित्यकारो ने अलग – अलग कवियो को प्रथम कवि माना है। उन साहित्यकारों और कवि का विवरण निम्न प्रकार है : –

1.शिवसिंह सेंगरपुष्य / पुंड्र
2.डॉ० रामकुमार वर्मास्वयंभू
3.रामचंद्र शुक्लमुंज / भोज
4.चंद्रधर शर्मा ‘ गुलेरी’मुंज
5.आचार्य हजारी प्रसाद दिवेदीअब्दुल रहमान /
6.डॉ० बच्चन सिंहविद्यापति
7.गणपति चंद्र गुप्तशालिभद्र सूरी
8.रहुल सांकृत्यायनसरहपा

टिप्पणी : – ( मिश्र बंधुओं ने हिंदी के प्रथम कवि के बारे में कोई विचार नहीं किया , उन्होंने गोररनाथ को हिंदी का प्रथम गद्यकार माना है। )

     हिन्दी साहित्य का  काल विभाजन 

    काल विभाजन के आधार

ऐतिहासिक कालानुक्रम के आधार पर  =>     आदिकाल, पूर्व मध्यकाल, उत्तर मध्यकाल, आधुनिक काल

यह भी पढें : – हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की परंपरा

साहित्यकार के नाम का आधार    =>         भारतेंदु, द्विवेदी, शुक्ल युग,  प्रेमचंद्र युग

साहित्यिक प्रवृत्ति के आधार पर =>         वीरगाथा काल, भक्तिकाल, रीतिकाल, गद्यकाल

  ग्रियर्सन :  काल विभाजन का प्रथम प्रयास 11 युगों में बाँटा

मिश्र बंधुओं द्वारा किया गया काल विभाजन

प्रारंभिक काल ( वि० सं० 700 से 1444 ) : –    

   (i)    पूर्व आरंभिक काल ( वि० सं० 700 से  1343 )   

    (i i)   उत्तर आरंभिक काल ( वि ० सं० 1344 से 1444 )

 मध्यकाल ( वि० सं० 1445 से 1680 ) : –

     ( i )  पूर्व मध्यकाल  ( वि ० सं० 1445 से 1560 )

    ( ii )  उत्तर मध्यकाल  ( वि० सं० 1561 से 1680 )

अंलकृत काल  ( वि० सं० 1681 से 1889 )

    (i)   पूर्व अंलकृतकाल  ( वि० सं० 1681 से 1790 )

   ( ii )  उत्तर अंलकृतकाल ( वि० सं० । 791 से 1889 )

परिवर्तन काल  (वि० सं० 1890 से 1926
वर्तमान काल ( वि० सं० 1926 से अद्यतन )

  गणपतिचंद्र गुप्त

हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास

1. आरंभिक काल / शून्य काल  ( 1184  – 1350 )

2 .  मध्य काल   (1350 से 1857 ) : –   इनके दो भाग है।

         (i)     पूर्व मध्यकाल  ( 1350 – 1500 ई0 )

        ( i i )  उत्तर मध्यकाल  ( 1500 – 1857 )

3.   आधुनिक काल   ( 1857 से 1965 ई0 )

   डॉ० नगेन्द्र

( 1 )  आदिकाल  ( 7 वीं सदी से 14 वी सदी मध्य तक )

 (2)  भक्तिकाल  ( 14 वी सदी मध्य से 17 वी सदी मध्य तक )

(3)  रीतिकाल   ( 17 वी सदी मध्य से 19 वी सदी मध्य तक)

(4)  आधुनिक काल  ( 19 वीं सदी मध्य से अद्यतन )

   ( i )  भारतेंदुकाल /  पुनर्जागरण काल – 1857 से 1900 ई

    (ii) द्विवेदी काल / जागरण सुधार काल – 1900 से 1918 ई0

    (iii)   छायावाद   –             1918 – 1938 ई0

    (iv)   छायावादोत्तर काल  –   1938 से आरंभ

              ( a )  प्रगतिप्रयोग   1938 – 1953

              ( b )   नवलेखन     1953  से अद्यतन 

यह भी देखे : – हिंदी साहित्य के विकास के प्रमुख बिन्दु

सर्वमान्य काल विभाजन

    1.    आदि काल  –   वि० सं० 1050 से 1375

     2 .   भक्तिकाल  –  वि० सं० 1375 से 1700

     3.    रीति काल  –  वि० सं०  1700 ते 1900

      4 .  आधुनिक काल –  वि० सं० 1900 से अद्यतन

1900 से 57 घटाने पर ई0 सन् निकल आएगी । 1900 – 57 = 1843

      ( i ) संक्रांति काल                 1843 – 1857 ई0

     ( ii )  भारतेंदु युग                   1857 – 1900 ई0

     (iii )  द्विवेदी युग                    1900 –  1918 ई0

     ( iv )  छायावाद                     1918 –  1936 ई0

     ( v)   प्रगतिवाद                     1936  –  1943 ई0

     (vi)   प्रयोगवाद                      1943  –  1952 ई0

     ( vii ) नयी कविता                  1952  –  1960  ई0

   ( viii )  साठोत्तरी कविता            1960  –  1990 ई0

    (ix)    समकालीन कविता           1990 से अद्यतन ई0

हिंदी की प्रथम रचना  –   श्रवकाचार ( 933 ई0 )

रचनाकार – देवसेन

( 1 )  250 दोहा छंद है।

(2)    गृहस्थ एवं श्रावक धर्मों का वर्णन उपदेशात्मक रचना 

( 3 )  शांत रस प्रधान है , मुक्तक रचना है।

   ( सरहपा की कोई रचना उपलब्ध नहीं होने के कारण जैनाचार्य देवसेन द्वारा रचित ‘ श्रावकाचार्य ‘ ( 933 ई0) को हिंदी की प्रथम रचना माना जाता है। )

निष्कर्ष

आज हमने हिन्दी साहित्य के काल विभाजन के बारे में पढ़ा । नागरी प्रचारिणी सभा, काशी का इतिहास ग्रंथ प्रामाणिक है जिसके 16 खंडो का विवरण हमने ऊपर दिया है। विभिन्न साहित्यकारों ने सभी कालो को अलग अलग नाम दिए है इसका भी विवरण सही ढंग से बताया गया है जो कि आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण व उपयोगी रहेगा।

 

 

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