
जीत की तलाश कर
जिन्दगी न हार तू
रगों में अपनी गरमी ला
अब कर पहला वार तू
वक्त की मिसाल बन
हौसले ना हार तू
जिन्दगी भी देगी खुशी
बस कर थोड़ा इंतजार तू
तिनका नहीं, तू मोती है
कर खुदकी अब पहचान तू
उम्मीद की तू लौ जला
ला खुद में अब उफान तू
तू भटका हुआ एक सफीना है
कर साहिल की तलाश तू
जमाने की सुनेगा अगर
बनके रह जाऐगा लाश तू
आँधियों से क्या डरना
जब तू , खुद में एक तूफान है
कदमों को अपने बुलंद कर
साथ तेरे , सारा आसमान है।
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.... नवनीत सिंह
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